गीत गा ना पाऊँगा Geet Ga Na Paunga Lyrics | Kumar Vishwas |
सुंदर दिल को छू लेने वाली प्रेम कविता 'गीत गा ना पाउंगा' प्रसिद्ध कवि डॉ कुमार विश्वास द्वारा लिखी गई है। दिल को छू लेने वाली प्रेम कविता के बोल 'तुम अगर नहीं आयीं, गीत गा ना पाउंगा' प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास की कविता है।
गीत गा ना पाऊँगा कविता के बोल
तुम अगर नहीं आयीं, गीत गा ना पाऊँगा
साँस साथ छोडेगी, सुर सजा ना पाऊँगा
तान भावना की है, शब्द-शब्द दर्पण है,
बाँसुरी चली आओ, होट का निमन्त्रण है
तुम बिना हथेली की हर लकीर प्यासी है,
तीर पार कान्हा से दूर राधिका सी है
दूरियाँ समझती हैं दर्द कैसे सहना है?
आँख लाख चाहे पर होठ को ना कहना है
औषधी चली आओ, चोट का निमन्त्रण है,
बाँसुरी चली आओ होठ का निमन्त्रण है
तुम अलग हुयीं मुझसे साँस की खताओं से,
भूख की दलीलों से, वक़्त की सजाओं ने
रात की उदासी को, आँसुओं ने झेला है,
कुछ गलत ना कर बैठे, मन बहुत अकेला है
कंचनी कसौटी को खोट ना निमन्त्रण है
बाँसुरी चली आओ होठ का निमन्त्रण है
– कुमार विश्वास
The beautiful heart touching love poetry ‘Geet Ga Na Paunga‘ is written by the famous poet Dr. Kumar Vishwas. The lyrics of heart touching love poetry ‘Tum Agar Nahin Aayi, Geet Ga Na Paunga‘ is the Kavita of famous poet Dr. Kumar Vishwas. Kumar Vishwas - Kavita.
Geet Ga Na Paunga Poetry Lyrics
Tum agar nahi aayi, geet ga na paunga
Saans saath chhodegi, sur saja na paunga
Taan bhawna ki hai, shabd shabd darpan hai
Baansuri chali aao honth ka nimantran hai
Tum bina hatheli ki har lakeer pyaasi hai
Teer paar kanha se door radhika si hai
Dooriyan samjhati hain, dard kaise sahna hai
Aankh lakh chaahe par honth ko na kahna hai
Aushadi chali aao chot ka nimantran hai
Baansuri chali aao honth ka nimantran hai
Tum alag hui mujhse, saans ki khataaon se
Khud ki daleelon se , waqt ki sajaaon se
Raat ki udaasi ko, aansuon ne jhela hai
Kuch galat na kar baithe, mann bahut akela hai
Kanchani kasauti ko , khot ka nimantran hai
Baansuri chali aao honth ka nimantran hai
– Kumar Vishwas
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