तू हवा है तो कर ले अपने हवाले मुझको लिरिक्स - विष्णु सक्सेना |
तू हवा है तो कर ले अपने हवाले मुझको
इससे पहले कि कोई और बहा ले मुझको
आईना बन के गुज़ारी है ज़िंदगी मैंने
टूट जाऊंगा बिखरने से बचा ले मुझको
जब भी कहते हो आप हमसे कि अब चलते हैं
हमारी आंख से आंसू नहीं संभलते हैं
अब न कहना कि संग दिल कभी नहीं रोते
जितने दरिया हैं पहाड़ों से ही निकलते हैं
प्यास बुझ जाए तो शबनम ख़रीद सकता हूं
ज़ख़्म मिल जाएं तो मरहम ख़रीद सकता हूं
ये मानता हूं मैं दौलत नहीं कमा पाया
मगर तुम्हारा हर एक ग़म ख़रीद सकता हूं
सोचता था कि मैं तुम गिर के संभल जाओगे
रौशनी बन के अंधेरों को निगल जाओगे
न तो मौसम थे न हालात न तारीख़ न दिन
किसे पता थी कि तुम ऐसे बदल जाओगे
ग़म के मरुथल में भी बरसात का रेला कर दे
याद वो है ही नहीं आए जो तन्हाई में
तेरी याद आए तो मेले में अकेला कर दे
जो आज कर गयी घायल वो हवा कौन सी है
जो दर्दे दिल करे सही वो दवा कौन सी है
तुमने इस दिल को गिरफ़्तार आज कर तो लिया
अब ज़रा ये तो बता दो दफ़ा कौन सी है
विष्णु सक्सेना ( Vishnu Saxena )
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